Nautapa 2025 : हिंदू पंचांग और ज्योतिष शास्त्र में नौतपा एक विशेष काल होता है, जो हर साल मई के अंत में शुरू होता है। वर्ष 2025 में नौतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगा। यह समय सूर्य की तीव्र तपिश और पृथ्वी पर बढ़ते तापमान के लिए जाना जाता है। नौतपा शब्द का अर्थ है नौ दिनों की तपन। इस काल में सूर्य अपनी उच्चतम शक्ति में होता है और इसका प्रभाव मौसम, मानव शरीर और प्रकृति पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
ऐसे में आइए जानते हैं नौतपा के समय क्या करें और किन चीजों को करने से बचें. साथ ही जानेंगे नौतपा के 9 दिनों में सूर्य देव की कृपा कैसे पाई जा सकती है.
नौतपा में क्या करें?
हिंदू धर्म में नौतपा का विशेष महत्व है. इन दिनों सूर्य की आराधना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कुंडली के दोष भी दूर होते हैं.
प्रतिदिन प्रातः सूर्य को तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत डालकर अर्घ्य दें.
इस समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना भी अत्यंत फलदायक माना गया है. माना जाता है कि नौतपा में आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक बल, आत्मविश्वास और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है.
राहगीरों को जल पिलाएं.
अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों को पानी, छाता या शीतल खाद्य सामग्री दान करें.
हल्का, सात्विक भोजन करें जिसमें दही, छाछ, लस्सी, बेल का शरबत, तरबूज और खीरा शामिल हों
नौतपा में क्या न करें?
अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें, खासकर दोपहर में. इस समय सूर्य की किरणें सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं.
नौतपा के 9 दिन मांसाहार, शराब और तीखे खाद्य पदार्थों से परहेज करें, ये शरीर में गर्मी बढ़ाते हैं.
यह समय आत्मनियंत्रण और धैर्य का है. नकारात्मक भावनाएं मानसिक अशांति का कारण बन सकती हैं.
इसके अलावा, नौतपा के दौरान अगर कोई व्यक्ति आपके दरवाजे पर कुछ मांगने आए, तो उसे खाली हाथ न लौटाएं. अपने सामर्थ्य अनुसार कुछ न कुछ दान अवश्य करें. माना जाता है कि इसका शुभ फल आपको जरूर मिलता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इंडिया लिविंग न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है.
















