चंडीगढ़ : चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में पालतू कुत्तों से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी की हैं। अब अगर आप डॉग लवर हैं और अपने घर में कई कुत्ते पालते हैं, तो आपको इन नए नियमों का ध्यान रखना पड़ेगा । बता दें कि प्रशासन ने न सिर्फ कुछ खतरनाक नस्लों पर प्रतिबंध लगाया है, बल्कि घर के आकार के हिसाब से कुत्ते रखने की सीमा और सार्वजनिक स्थानों पर डॉग्स के लिए नए नियम भी तय किए हैं।
इन नस्लों पर पूरी तरह प्रतिबंध
नई “चंडीगढ़ पेट एंड कम्युनिटी डॉग बायलॉज” के तहत अब शहर में कुछ कुत्तों की नस्लों को पालने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इनमें अमेरिकन बुलडॉग, पिटबुल, बुल टेरियर, केन कॉर्सो, डोगो अर्जेंटीनो और रोटवीलर जैसी आक्रामक मानी जाने वाली नस्लें शामिल हैं। प्रशासन का कहना है कि इन नस्लों के हमले के कई मामले सामने आने के बाद यह कदम सुरक्षा के लिहाज़ से उठाया गया है।
घर के आकार के अनुसार तय हुई सीमा
अब पालतू कुत्तों की संख्या भी मकान के आकार पर निर्भर करेगी:
5 मरला तक के घर – अधिकतम 1 कुत्ता
5 से 12 मरला के घर – अधिकतम 2 कुत्ते
12 मरला से 1 कनाल तक – अधिकतम 3 कुत्ते
1 कनाल से बड़े घरों में – अधिकतम 4 कुत्ते
काटने पर मालिक होंगे ज़िम्मेदार
अगर किसी पालतू कुत्ते ने किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुँचाया, तो उसका मालिक ही पूरी तरह ज़िम्मेदार होगा। मालिक को पीड़ित को मुआवज़ा देना अनिवार्य होगा। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पहले ही कुत्ते के काटने के मामलों में ₹10,000 प्रति घटना का मुआवज़ा तय किया है।
सार्वजनिक स्थानों पर डॉग्स ले जाने की मनाही
प्रशासन ने कुछ प्रमुख सार्वजनिक स्थानों को ‘नो डॉग ज़ोन’ घोषित किया है। अब सुखना झील, रोज़ गार्डन, शांतिकुंज, लीज़र वैली, टैरेस गार्डन, शिवालिक गार्डन, मिनी रोज़ गार्डन और बॉटनिकल गार्डन जैसे इलाकों में पालतू कुत्तों को ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
सार्वजनिक स्वच्छता पर सख्ती
अगर कोई कुत्ता सड़क या पार्क में मल त्याग करता है, तो उसे साफ करना मालिक की ज़िम्मेदारी होगी। ऐसा न करने पर ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं, आवारा कुत्तों को सिर्फ RWA द्वारा तय की गई निर्धारित जगहों पर ही खाना खिलाने की अनुमति होगी।
पट्टा और टोकन अनिवार्य
हर पालतू कुत्ते को बाहर ले जाते समय पट्टा (leash) लगाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, कुत्ते के गले में एक धातु का टोकन होना चाहिए, जिसमें मालिक की जानकारी और टीकाकरण का रिकॉर्ड दर्ज रहेगा। नियम तोड़ने पर जुर्माना वसूला जाएगा।













