पंजाब : शादी हर किसी की ज़िन्दगी का एक महत्वपूर्ण व ख़ास अवसर होता है। यह एक ऐसा दिन होता है, जिसका हर पल यादगार बनाना सबकी ख्वाहिश होती है। इसके लिए लोग कई महीनों पहले से शादी की तैयारियों में जुट जाते हैं। परंतु, इस उत्साह में कई बार लोग अपनी सीमाएं पार कर देते हैं और फिजूलखर्ची की राह पर चल पड़ते हैं।
कई बार देखा जाता है कि शादी को भव्य और यादगार बनाने के चक्कर में लोग अपनी मेहनत की कमाई को यूं ही बहा देते हैं। इस कड़ी में डीजे, डांस और शराब जैसी चीजों पर खर्च करना आम बात बन जाती है। लोग यह सोचते हैं कि शादी में आने वाले मेहमानों को प्रभावित करने के लिए इन चीजों की जरूरत है। वे यही चाहते हैं कि जो लोग उनके विवाह समारोह में आएं, वे शादी की तारीफ करें।
आजकल शादी एक तरह का दिखावा बन गया है। समाज में दूसरों से बेहतर दिखने की प्रतिस्पर्धा है, जिसके कारण लोग अपनी शादी के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करते हैं। इसका उद्देश्य केवल यह होता है कि उनके समारोह को ज्यादा भव्य, आकर्षक और यादगार बनाया जाए। हालांकि, इस दौरान कई बार लोग अपनी वास्तविक जरूरतों और महत्वकांक्षाओं को नज़रअंदाज कर देते हैं।
शादी को भव्य बनाने के लिए फिजूलखर्ची करने की बजाय, अगर सादगी से काम लिया जाए तो यह न केवल पैसे की बचत करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि शादी का असली उद्देश्य – प्रेम और खुशी का जश्न मनाना – सही तरीके से पूरा हो। अब इस फिजूलखर्ची को कम करने के लिए एक गांव की सरपंच ने अनोखा कदम उठाया है। आइए जानते है इसके बारे में …….
21,000 रुपये का इनाम मिलेगा
दरअसल, पंजाब के बित्तिंदा जिले के बल्लो गांव ने शादी समारोहों में शराब और डीजे का इस्तेमाल करने पर सख्त कदम उठाया है। गांव के सरपंच अमरजीत कौर ने मंगलवार को एक अनोखा निर्णय लिया, जिसके तहत जो भी शादी समारोह बिना शराब और तेज संगीत के आयोजित करेगा, उसे 21,000 रुपये का इनाम मिलेगा। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य शादी समारोहों में शराब के दुरुपयोग और फिजूलखर्ची को रोकना है।
अमरजीत कौर ने बताया कि शादी के दौरान शराब परोसी जाती है और तेज आवाज़ में डीजे बजते हैं, जिससे न सिर्फ विवाह समारोह में विवाद होते हैं, बल्कि यह विद्यार्थियों की पढ़ाई में भी विघ्न डालता है। उनका कहना है कि शादी का उद्देश्य खुशी और प्रेम को मनाना होना चाहिए, न कि फिजूलखर्ची करना और झगड़े पैदा करना।
ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव में और सुधारों की योजना बनाई जा रही है। इसमें सबसे प्रमुख योजना है युवाओं के लिए एक स्टेडियम बनवाना, ताकि वे खेल गतिविधियों में भाग लेकर स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें। पंचायत का मानना है कि इससे गांव के युवाओं को एक सकारात्मक दिशा मिलेगी। इसके अलावा, गांव में बायोगैस प्लांट लगाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने की योजना भी है।
बल्लो गांव में लगभग 5,000 लोग रहते हैं। पंचायत का मानना है कि इन सुधारों से गांव का समग्र विकास होगा और ग्रामीणों को सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से फायदेमंद बदलाव मिलेगा।