लुधियाना : बारिश का मौसम आते ही मंडी में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। वहीँ इसके चलते आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी हैं। टमाटर के दाम 70 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। आमतौर पर उपयोग में आने वाले आलू-प्याज भी 50 रुपए किलो से ज्यादा दामों पर बिक रहे हैं।
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि हर साल गर्मी के अंत और बारिश की शुरुआत में इस तरह के हालात बनते हैं लेकिन इस बार दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। वहीं महिलाओं का कहना है कि रसोई का पूरा बजट बिगड़ गया है। महंगे दाम के बावजूद पर्याप्त नहीं मिल रही सब्जी सब्जी विक्रेता का कहना है कि दाम ज्यादा हैं, इसके बावजूद भी पर्याप्त सब्जी नहीं मिल रही है। नॉर्मल सब्जियां भी इस बार महंगी हैं। गर्मी की वजह से आवक कम हो रही है। जब तक नई सब्जी नहीं आएगी, दाम कम नहीं होंगे। लोकल सब्जी बिल्कुल भी नहीं आ रही है। केवल नाम मात्र आ रही हैं। डिमांड और सप्लाई में अंतर होने के चलते दाम बढ़े हुए हैं।
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि हर साल सब्जी के दाम में यह इजाफा होता है। कभी बारिश आती है तो कभी धूप निकलती है। इससे सब्जी की पौध के फूल झड़ जाते हैं। जहां पर एक बीघा में 10 टोकरी सब्जी उत्पादन होता है, उसकी जगह अब 2 टोकरी का ही उत्पादन हो रहा है। टमाटर के भाव 8 दिन पहले 25 से 40 रुपए किलो था जो आज 60 से 70 रुपए पहुंच गया है। वह भी अच्छी क्वालिटी का नहीं आ रहा है। मिर्ची भी अच्छी नहीं आ रही है। धनिया का भी कोई दाम फिक्स नहीं है। बीते साल आलू 20 रुपए किलो था लेकिन आज 40 रुपए किलो से ज्यादा पहुंच गया है। प्याज के भी दाम भी इसी तरह से बढ़ गए हैं। अभी भी कद्दू, लौकी, भिंडी, अरबी दुगने दाम पर हैं।