गोनोरिया बीमारी क्या होती है , जानिए लक्षण ,कारण व इलाज़

You are currently viewing गोनोरिया बीमारी क्या होती है , जानिए लक्षण ,कारण व इलाज़
What is Gonorrhea? Know its symptoms, causes and treatment.

हेल्थ : गोनोरिया एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जिसे हिन्दी में सूजाक के नाम से भी जाना जाता है। यह संक्रमण आमतौर पर पहले से संक्रमित किसी व्यक्ति से यौन संबंध बनाने के दौरान दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले द्रवों के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। गोनोरिया आमतौर पर पुरुषों व महिलाओं दोनों को समान रूप से प्रभावित करता है। इससे कुछ लोगों को किसी प्रकार के लक्षण नहीं होते हैं, जबकि कुछ लोगों को बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 1 से 14 दिनों बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं। जैसा कि यह एक बैक्टीरियल संक्रमण है, इसलिए डॉक्टर अलग-अलग प्रकार की एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इसका इलाज करते हैं। गोनोरिया का समय पर इलाज करना जरूरी है और ऐसा न होने पर कई बार इससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।

गोनोरिया के लक्षण
यह एक ऐसा यौन संचारित रोग है, जिसका अक्सर निदान ही नहीं हो पाता है। गोनोरिया से ग्रस्त ज्यादातर लोगों को शुरुआत में किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस नहीं होते हैं। हालांकि, इससे पुरुषों को होने वाले प्रमुख लक्षणों में निम्न शामिल हैं –
पेशाब में जलन व दर्द
लिंग से सफेद या हल्के हरे रंग का द्रव स्रावित होना
वृषणों में सूजन

गोनोरिया के कारण महिलाओं को होने वाले लक्षण आमतौर पर ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं और अक्सर इन लक्षणों को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण समझ लिया जाता है। महिलाओं में गोनोरिया के कारण आमतौर पर निम्न लक्षण विकसित होते हैं, जैसे –
पेशाब के दौरान जलन व दर्द
योनी से अधिक मात्रा में द्रव निकलना (सामान्य से अधिक)
योनी से रक्त आना (मासिक धर्म से अलग दिनों में)

इसके अलावा अगर व्यक्ति को प्रजनन अंगों की जगह गुदा पर गोनोरिया संक्रमण हुआ है, तो उन्हें खुजली, जलन, दर्द और मल त्याग करते समय गंभीर दर्द होने जैसे लक्षण हो सकते हैं।

वहीं जिन लोगों को मुंह या गले में गोनोरिया संक्रमण हुआ है, तो उन्हें प्रभावित हिस्से में दर्द, जलन व खुजली की समस्याएं हो सकती हैं।

डॉक्टर को कब दिखाएं

गोनोरिया एक गंभीर संक्रमण का रूप ले सकता है, इसलिए इसकी समय पर जांच कराना बेहद जरूरी होता है। अगर आपको लगता है कि आपने हाल ही में किसी ऐसे व्यक्ति के शारीरिक संबंध बनाएं हैं, जिसे गोनोरिया हो सकता है, तो ऐसे में आपको भी डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए। वहीं अगर आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो भी जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
गोनोरिया के कारण
वे पुरुष व महिलाएं जो यौन सक्रिय हैं और जिनके एक से अधिक यौन साथी हैं उन्हें गोनोरिया होने का खतरा सबसे अधिक रहता है। गोनोरिया का कारण बनने वाला बैक्टीरिया आमतौर पर पहले से संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से फैलता है। इसके अलावा अगर व्यक्ति किसी अन्य तरीके से संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले द्रवों के संपर्क में आ रहा है, तो भी वह गोनोरिया से संक्रमित हो सकता है। अगर कोई गर्भवती महिला गोनोरिया से संक्रमित है, तो प्रसव के दौरान बच्चा भी इससे संक्रमित हो सकता है। गोनोरिया के फैलने का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि कुछ लोगों को इसका पता ही नहीं होता है और वे यौन संबंध के माध्यम से दूसरों में भी यह संक्रमण फैलाते रहते हैं।

गोनोरिया के जोखिम कारक

गोनोरिया के कारण के अलावा कुछ अन्य स्थितियां भी हो सकती हैं, जो इसके होने के जोखिम को बढ़ा देती हैं, जैसे –
एक से अधिक यौन साथी होना
संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना
अधिक उम्र वाली यौन सक्रिय महिलाएं
25 साल से कम उम्र वाली यौन सक्रिय महिलाएं

गोनोरिया से रोकथाम
एक से अधिक यौन साथी न बनाना ही गोनोरिया से बचने का सबसे प्रमुख और निश्चित तरीका है। साथ ही अन्य यौन संचारित रोगों की तरह यौन संबंध बनाते समय उचित सुरक्षा उपायों का इस्तेमाल करना (जैसे कंडोम) भी गोनोरिया संक्रमण होने से बचाव सकता है। साथ ही नियमित रूप से जांच कराते रहना भी गोनोरिया रोग होने से बचाव कर सकता है।

गोनोरिया का इलाज
गोनोरिया एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है और इसलिए इसके इलाज आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जाता है। अगर इलाज के दौरान ही लक्षण ठीक हो गए हैं और मरीज पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहा है, तो भी उसे अपना एंटीबायोटिक कोर्स पूरा करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बैक्टीरियल संक्रमण को शरीर से पूरी तरह से खत्म करने के लिए कोर्स पूरा करना जरूरी होता है और ऐसा न होने पर गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, अगर डॉक्टर को लगता है कि मरीज को गोनोरिया के अलावा कोई अन्य यौन संचारित रोग भी है, तो उसके अनुसार एंटीबायोटिक दवाओं में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।

Disclaimer : इस लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

नोट : उक्त खबर इंडिया लिविंग न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। इंडिया लिविंग न्यूज़ इस खबर की अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता। अधिक जानकारी के लिए मुख्य संपादक से संपर्क करें

Close Menu