नेशनल न्यूज़ : एहम खबर है कि अब अगर आप दूसरे पक्ष की मर्जी के बगैर उसकी फोन कॉल की रिकॉर्डिंग करते है तो यह आईटी एक्ट की धारा 72 के तहत अपराध है। दरअसल, एक मामले में कोर्ट ने अपना बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि मोबाइल फोन पर किसी से बातचीत के दौरान अगर कोई शख्स दूसरे पक्ष की मर्जी के बगैर फोन रिकॉर्डिंग करता है तो यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है और आईटी एक्ट की धारा 72 के तहत अपराध है। इतना ही नहीं अगर दूसरे पक्ष ने इसके खिलाफ शिकायत कर दी तो सजा भी हो सकती है।
फोन टैपिंग के चर्चित केस नीरा राडिया पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पति-पत्नी विवाद के बीच मोबाइल रिकॉर्डिंग के मामले पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी सूरत में कॉल रिकॉर्डिंग को साक्ष्य के तौर पर अदालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट के मुताबिक बिना मंजूरी मोबाइल फोन कॉल को रिकार्ड करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस फैसले को भी रद्द कर दिया है, जिसमें सबूत के तौर पर रिकार्डिंग को पेश करने की इजाजत दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता पत्नी से हुई बातचीत को उनकी जानकारी के ने चुपचाप रिकॉर्ड कर लिया। यह कारगुजारी संवैधानिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।