जालंधर : कोविड -19 की संभावित तीसरी लहर के साथ प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए ज़िला प्रशासन जालंधर ने आठ प्रमुख प्राईवेट अस्पतालों को आक्सीजन उत्पादन में आत्म- निर्भर बनाने के लिए तुरंत अपने पी.एस.ए. आधारित आक्सीजन प्लांट स्थापित करने की अपील की है।
डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने इनोसैंट हार्टज़ अस्पताल, सरवोद्या, जौहल, न्यूरोनोवा, मान मैडीसिटी, आक्सफोर्ड, केयरमैक्स और घई अस्पताल सहित आठ अस्पतालों को लिखित पत्र में अलग -अलग अस्पतालों की तरफ से पहले ही अपने आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए प्रयत्नों के बारे में बताया है।
इस बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि एन.एच.एस., न्यू रूबी, श्रीमन सुपर स्पैशलिटी, टैगोर, पटेल, पिम्स और कैपीटोल अस्पतालों सहित कई अस्पताल पहले ही आक्सीजन उत्पादन प्लांट लगा चुके है और अन्य अस्पतालों को इस पहलकदमी की पालना करनी चाहिए, जिससे यह स्वास्थ्य संभाल संस्थान जब भी संभावित तीसरी लहर आती है तो ज़रूरतों को पूरा कर सकने के योग्य होगें। उन्होनें कहा कि इससे आक्सीजन के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भरता भी कम होगी।
डिप्टी कमिश्नर ने प्रशासन की अपील को मान कर पहले ही ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाले अस्पतालों के प्रयत्नों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्लांट लगाने से न केवल अस्पताल आक्सीजन -स्वतंत्र हो जाएंगे ,बल्कि भविष्य में किसी भी संकट दौरान बिना किसी रुकावट के अपने मरीज़ों की बढिया देखभाल कर सकेगें।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि प्रशासन ने आठ अस्पतालों की पहचान की है, जिनको मरीज़ों की और ज्यादा प्रभावशाली ढंग से देखभाल करने के लिए पी.एस.ए. प्लांट लगाने की ज़रूरत है। उन्होनें कहा कि रोज़ाना 50 से अधिक आक्सीजन सिलेंडरों की ज़रूरत वाले अस्पतालों को अपने प्लांट लगाने चाहिए। उन्होनें कहा कि इन प्रयत्नों के साथ ही हम आक्सीजन उत्पादन में स्व -निर्भर बनने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।
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