Big relief: There will be no tax on black fungus medicine, corona relief medical items will be cheaper

बड़ी राहत : ब्लैक फंगस की दवा पर नहीं लगेगा टैक्स, कोरोना राहत चिकित्सा वस्तुएं होंगी सस्ती


नई दिल्ली : सरकार ने शनिवार को कोविड-19 से जुड़े कई उत्पादों पर जीएसटी दरों को घटा दिया है। 44वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में ये फैसले लिये गए हैं। इन फैसलों से कोविड से प्रभावित होने वाले मरीजों को कुछ राहत मिलेगी। हालांकि, कोविड-19 वैक्सीन पर जीएसटी दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस पर पहले की तरह 5 फीसद जीएसटी लगता रहेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि मंत्रिसमूह की कोविड-19 से जुड़े उत्पादों पर दरों को घटाने की सिफारिशों को मान लिया गया है।

न्होंने कहा कि नई दरें कम से कम 30 सितंबर तक प्रभावी रहेंगी। वित्त मंत्री प्रेस ब्रीफिंग कर 44वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिये गए फैसलों की जानकारी दे रही थीं। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस की दवा Amphotericin B पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। साथ ही Tocilizumab पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा।

जीएसटी काउंसिल ने रेमडेसिवीर पर भी टैक्स को घटाया है। काउंसिल ने इस पर टैक्स को 12 फीसद से घटाकर 5 फीसद कर दिया है। वित्त मंत्री ने बताया कि एंबुलेंस पर भी जीएसटी दर को घटाकर कर 12 फीसद कर दिया गया है।

वित्त मंत्री ने बताया कि वेंटिलेटर, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, COVID-19 टेस्टिंग किट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और BiPAP मशीन पर जीएसटी को मौजूदा 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि हैंड सैनिटाइजर और तापमान जांचने वाले उपकरणों पर भी जीएसटी को घटाकर 5 फीसद कर दिया गया है।साथ ही उन्होंने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर, HFNC डिवाइस पर भी जीएसटी को घटाकर 5 फीसद किया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘आज की बैठक का एक ही एजेंडा था। बैठक में मंत्रियों के समूह (GOM), जिनका गठन पिछली जीएसटी काउंसिल की बैठक में हुआ था, उनके द्वारा कोविड-19 से जुडे़ उत्पादों पर टैक्स में राहत को लेकर आई सिफारिशों पर विचार किया गया है।’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘मंत्रिसमूह के चेयरमैन ने नियत तारीख से दो दिन पहले 6 जून को रिपोर्ट सबमिट की। आज की बैठक में वित्त मंत्रालय ने इन सिफारिशों पर चर्चा की है।’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘मंत्रिसमूह की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है। केवल 3 वस्तुओं पर दरों के बारे में विचार किया गया और जिस अवधि तक यह वैध रहेगा, उसमें भी थोड़ा बदलाव किया गया है।’

 

 

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