जालंधर : पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली से तंग आ कर पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर एक दंपती अपने 2 छोटे बच्चों को लेकर भीषण गर्मी में धरने पर बैठ गया। उनका कहना था कि इंसाफ की आस में वो पिछले लंबे वक्त से पुलिस कमिश्नर (CP) और सहायक पुलिस कमिश्नर (ACP) ऑफिस के चक्कर काट रही हैं। इसके बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। उनके साथ मारपीट व आग से जलाने की कोशिश के साथ इज्जत पर हाथ डालने जैसा अत्याचार हो चुका है। इसके बावजूद पुलिस सुनवाई नहीं कर रही। एक बार फिर पुलिस अफसरों ने उन्हें इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया है।
कोट राम दास की रहने वाली ज्योति ने बताया कि वह सास, सौतेले देवर व उनके साथियों की प्रताड़ना से तंग आ चुकी है। वह करीब 9 महीने से अफसरों के चक्कर काट रही है। 25 अगस्त 2020 को वह किचन में खाना बना रही थी तो उसके साथ मारपीट कर आग लगाने की कोशिश की गई। इसका पता चलने पर पति ने उसकी जान बचाई। इसकी MLR भी काटी गई लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
31 अगस्त को वह बच्चों के साथ कमरे में थी तो कुछ लोगों को उसके कमरे में घुसाकर बाहर से कुंडी लगा दी गई। उन लोगों ने शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया।उसने इंकार किया तो उसकी इज्जत पर हाथ डाला गया। उस वक्त पुलिस भी बुलाई लेकिन वो उलटा आरोपियों का ही पक्ष लेने लगे।
1 सितंबर को वो रामा मंडी पुलिस चौकी गए। इस संबंध में थाने के एक ASI को उसने पीठ को आग से जलाने की बात कही तो उसने कपड़े हटाकर दिखाने को कहा। पति प्रवीन ने कहा कि उस वक्त न तो वहां कोई महिला मुलाजिम तैनात थी और न ही बयान लिखने के लिए कोई महिला पुलिस अफसर को लगाया गया। इंसाफ की जगह पुलिस ने उन्हें जलील किया।
इस बारे में ACP हरसिमरत सिंह ने कहा कि इनकी पहले शिकायत की जांच हुई थी लेकिन उसमें आरोप साबित नहीं हुए थे। नए आरोपों के बारे में उनके पास शिकायत नहीं आई है। DCP लॉ एंड ऑर्डर जगमोहन सिंह ने पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया कि उनकी शिकायत की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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