जालंधर : कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए शहर में स्वास्थ्य संभाल ढांचे में और विस्तार करने के प्रयत्न के तौर पर डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने शुक्रवार को पठानकोट रोड स्थित श्रीमन् सुपर स्पैशलिटी अस्पताल में शहर के पहले पोस्ट कोविड आई.सी.यू. और पी.एस.ए. आधारित आक्सीजन जनरेशन प्लांट का उद्घाटन किया। प्लांट की शुरुआत करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यह प्लांट 750 लीटर प्रति मिनट की दर से मैडीकल आक्सीजन के उत्पादन को सुनिश्चित करेगा और इससे वायरस ख़िलाफ़ लड़ी जा रही लड़ाई के लिए ज़रुरी बुनियादी ढांचे को और मज़बूती मिलेगी। उन्होनें आगे कहा कि यदि तीसरी लहर आती है तो यह प्लांट आक्सीजन उत्पादन के मामलें में जालंधर को आत्म-निर्भर ज़िला बना कर इससे लडने में सहायता करेगा।
डिप्टी कमिश्नर ने आगे कहा कि ज़िला प्रशासन ने आत्म-निर्भर बनने के लिए सभी प्राईवेट स्वास्थ्य संभाल संस्थानों और उद्योगों को आक्सीजन प्लांट लगाने की अपील की थी, जिसके बाद अस्पताल अपने प्लांट लगाने के लिए आगे आ रहे हैं।डिप्टी कमिश्नर ने अस्पताल के डायरैक्टरों डा.वी.पी.शर्मा, डा. हरमीत पाल सिंह, डा. राजीव भाटिया और डा. अजय मरवाहा के साथ बातचीत करते हुए अस्पताल में कोविड-19 सुविधाओं का जायज़ा भी लिया। इस अवसर पर उन्होनें कोविड-19 के मरीज़ों की देखभाल के लिए श्रीमन सुपर स्पैशलिटी अस्पताल में 10 बैंडो वाले पोस्ट कोविड आई.सी.यू. का उद्घाटन भी किया, जो कि शहर में नई शुरूआत है।
श्रीमन सुपर स्पैशलिटी अस्पताल के मैडीकल डायरैक्टर डा. वी.पी. शर्मा ने बताया कि कोविड-19 नेगैटिव रिपोर्टें मिलने के बाद भी वायरल निमोनिया कारण जिन मरीज़ों के फेफड़ों को नुक्सान हुआ है, उनको कोविड के बाद भी इंटैसिव केयर स्पोर्ट की ज़रूरत है। उन्होनें आगे कहा कि जालंधर शहर में पहली बार किसी अस्पताल की तरफ से कोविड-19 के मरीज़ों के पुनर्वास और स्वास्थ्य के लिए यह सुविधा शुरू करके नई पहल की गई है। ज़िक्रयोग्य है कि प्रशासन की अपील को देते हुए एन.एच.एस., पटेल और न्यू रूबी अस्पतालों की तरफ से अपने-अपने आक्सीजन उत्पादन प्लांट शुरू किये जा चुके हैं, जिससे जालंधर में आक्सीजन की उपलब्धता बढी है।
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