चंडीगढ़ : कोरोना महामारी से राहत भी नहीं मिली कि ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों में स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल, मधुमेह और उपर से संक्रमण के चलते ज्यादातर लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी के बढ़ने के कई कारण हैं। लोग अपने घरों में और आसपास साफ-सफाई नहीं रख रहे हैं।
वातावरण के विपरित असर और जलवायु में परिवर्तन के चलते भी ब्लैक फंगस की बीमारी बढ़ रही है। इसके अलावा घर में रेफ्रिजरेटर में रखी गईं खाने-पीने की चीजों के गलत इस्तेमाल से भी लोगों में यह बीमारी फैलना का कारण बन रही है। यह कहना है कि पीजीआइ के मेडिकल माइक्रोबायोलाॅजी विभाग के हेड डाॅ. प्रो अरुणालोक चक्रवर्ती का।
देखने में आया है कि कई लोग एक ही मास्क को बिना धोए दो से तीन दिन तक लगातार इस्तेमाल करते हैं, जो कि ब्लैक फंगस या संक्रमण के फैलने का सबसे बड़ा कारण है। प्रो. अरुणालोक चक्रवर्ती ने बताया कि जो लोग दिन में कम से कम दो से तीन बार मास्क नहीं बदलते हैं। वो लोग भी ब्लैक फंगस या संक्रमण की चपेट में आसानी से आ सकते हैं।
प्रो. अरुणालोक ने बताया कि घर में रेफ्रिजरेटर में जो खाने-पीने की चीजें रखी जाती है। रेफ्रिजरेटर में गैस के जरिए इस खाने का ठंडा और खराब होने से बचाया जाता है, लेकिन रेफ्रिजरेटर में ज्यादा दिनों तक खाना रखने और उसे बाद में गर्म कर खाने के कारण भी ब्लैक फंगस की बीमारी हो सकती है। लंबे समय तक फ्रिजर को साफ न करने से नमी और हवा के संपर्क में आने पर खाने-पीने की चीजों पर फंगस जमा हो जाती हैं, जो कि खतरनाक है।
बचाव के लिए यह भी जरूरी
ब्लैक फंगस से बचाव के लिए जरूरी है कि रेफ्रिजरेटर में खाने-पीने की चीजें खुलीं न रखें
खाने-पीने की चीजों को ज्यादा दिन तक न रखें। जैसे आटा गूंथकर न रखें, खुली ब्रेड न रखें, दूध, दही, बचा हुआ खाना न रखें।
खाने पीने की चीजों में फंगस जल्द लगता है। रेफ्रिजरेटर में एक ही जगह पर अधिक मात्रा में खाने-पीने की चीजें रखे होने के कारण ये आसानी से फैल सकता है।
मेडिकल साइंस की मानें तो ब्लैक फंगस हवा से ही फैलता है। यह एक इंसान से दूसरे इंसान को नहीं होता।
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