अमृतसर : बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की ओर से दान में दिए गए करोड़ों रुपए को लेकर सिख राजनीति में बवाल मचा हुआ है। अमिताभ बच्चन पर 1984 के सिख कत्ल-ए-आम को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस बीच पूरे मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अमिताभ ने 10 साल पहले पत्र लिखकर खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया था। यह कथित पत्र अब वायरल हुआ है।
दावा किया जा रहा है कि अमिताभ बच्चन ने यह पत्र 2011 में अकाल तख्त के जत्थेदार को मुंबई निवासी तत्कालीन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरिंदर सिंह बाबा के माध्यम से भेजा था। इंटरनेट पर वायरल हो रहे इस तथाकथित पत्र में अमिताभ ने खुद पर लगे सिख कत्ल-ए-आम के लिए भीड़ को उकसाने वाले आरोप पर स्पष्टीकरण दिया था।
दरअसल, 2011 में पंजाब सरकार ने खालसा पंथ के जन्मस्थान श्री आनंदपुर साहिब में ऐतिहासिक खालसा विरासत कॉम्पलेक्स के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए अमिताभ बच्चन को निमंत्रण भेजा था। इसे स्वीकार कर लेने के बाद में सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया कि वह इस ऐतिहासिक समागम में किसी शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहते थे। समागम खत्म हो जाने के बाद उन्होंने अपने ऊपर लगाए आरोपों का खंडन किया था।
अमिताभ बच्चन ने साफ लिखा था कि नेहरू-गांधी परिवार के साथ उनके संबंध रहे हैं। हर सुख-दुख में वह एक-दूसरे के घर आते जाते थे। 1984 में सिख विरोधी दंगों की घटना देश के इतिहास में हमेशा एक धुंधला और एक काला अध्याय है। वह सिखों की भावनाओं को कभी आहत नहीं कर सकते, क्योंकि उनका परिवार उन्हें सिखी के बारे में ही बताता रहा है। वह सिख कौम को ठेस पहुंचाने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकते। 1984 में हिंसा भड़काने संबंधी आरोप गलत हैं।
अब यह पत्र उस समय सामने आया है, जब अमिताभ बच्चन की तरफ से दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को 12 करोड़ रुपए दान में दिए गए हैं। मनजीत सिंह GK ने इस संबंध में अकाल तख्त को मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ पत्र भी दिया गया था। इसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने यह दान सिख रिवायतों के खिलाफ लिया है, क्योंकि अमिताभ बच्चन सिख विरोधी हैं।
नोट : उक्त खबर इंडिया लिविंग न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। इंडिया लिविंग न्यूज़ इस खबर की अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता। अधिक जानकारी के लिए मुख्य संपादक से संपर्क करें