जालंधर : कोरोना मरीजों की जांच और इलाज को लेकर लूट मचाने वाले अस्पतालों पर जिला प्रशासन ने डंडा चलाना शुरू कर दिया है। मरीज का बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट लिए लेवल-2 में इलाज करने के मामले को लेकर जिला प्रशासन ने शमशेर अस्पताल पर एक्शन लिया है। डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने अस्पताल के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद यहां की लेवल-2 कोविड केयर फैसिलिटी को सस्पेंड कर दिया है। जांच के लिए चार सदस्यों की कमेटी बना दी गई है।
मरीज का कोरोना टेस्ट किए बगैर ही शमशेर अस्पताल में उसका कोरोना का इलाज किया जा रहा था। लेवल-2 वाले कोविड केयर में मरीज को लेवल थ्री कीऑक्सीजन सपोर्ट देकर इलाज किया जा रहा था। इलाज के साथ मरीज के परिजनों का अच्छा खास बिल बना दिया। इसके बाद उनसे दवा व इंजेक्शन के लिए ओवरचार्जिंग की गई। इस दौरान मरीज की मौत भी हो गई थी। जब इस बाबत डिप्टी कमिश्नर को शिकायत मिली। इसके बाद कार्रवाई करते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने शमशेर अस्पताल की कोविड केयर फेसिलिटी सस्पेंड कर दी। इस अस्पताल में अब कोरोना के नए मरीज दाखिल नहीं हो सकेंगे।
मामले की विस्तृत जांच के लिए चार सदस्यों की कमेटी बना दी गई है। कमेटी में एसडीएम-1, सिविल सर्जन, जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी ड्रग्स व वडाला के मेडिकल अफसर डॉ. अशोक कुमार को शामिल किया गया है।
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