जालंधर : पिम्स अस्पताल में कोरोना पीड़ित महिला की मौत के बाद परिजनों व दूसरे मरीजों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने मरीज को छुट्टी देने के बाद शिफ्ट करते समय आक्सीजन का खाली सिलेंडर लगाने की वजह से मौत होने के आरोप लगाए। इसके बाद कोरोना पीड़ित दूसरे मरीजों के परिजन भी अव्यवस्था को लेकर पिम्स के खिलाफ उतर आए। पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ। पिम्स प्रबंधन ने आरोपों को नकारा है और मौत का कारण अचानक दिल का दौरा पड़ना बताया है।
जतिंदर सिंह ने बताया कि करीबी रिश्तेदार जैमल नगर में रहने वाली 54 साल की राधा रानी पत्नी किशन गोपाल को 10 मई को तबीयत खराब होने पर पिम्स में दाखिल करवाया गया था। 12 मई को कोरोना की पुष्टि के बाद कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिम्स के डाक्टरों ने मरीज की हालत में सुधार न होने पर हाथ खड़े कर दिए और दूसरे अस्पताल जाने का दबाब बनाया। शनिवार देर शाम जब मरीज को छुट्टी दिलाकर दूसरे अस्पताल ले जाने लगे तो मरीज की वार्ड से नीचे पहुंचते ही मौत हो गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि मरीज को शिफ्ट करते समय स्टाफ ने आक्सीजन का खाली सिलेंडर लगा दिया। मरीज को आक्सीजन नहीं मिली और मौत हो गई। महिला की मौत के बाद अन्य कोरोना मरीजों के परिजन भी पिम्स प्रबंधन के खिलाफ उतर आए और हंगामा शुरू कर दिया।
पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि मरीज के परिजन इलाज से संतुष्ट नहीं थे। मरीज हाई फ्लो आक्सीजन पर था। परिजनों के आवेदन पर मरीज को छुट्टी दी गई। मरीज को शिफ्ट करने के लिए आक्सीजन का भरा सिलेंडर लगाया गया था। सिलेंडर से मरीज को हाई फ्लो आक्सीजन नहीं मिल सकती। मरीज को अचानक दिल का दौर पड़ा, जिससे मौके पर मौत हो गई। अन्य मरीजों के परिजनों को भी समय-समय पर मरीज की हालत से अवगत करवाया जाता है।
पुलिस थाना नंबर सात के एसएचओ ने बताया कि उन्हें पिम्स में हंगामा होने की सूचना मिली और उन्होंने मौके पर पहुंच कर मामला शांत करवाया। और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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