चंडीगढ़ : मेडिकल ऑक्सीजन की गंभीर किल्लत झेल रहे पंजाब को जल्द ही बोकारो से अपने हिस्से की 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल जाएगी। दप्पर स्टेशन से शनिवार सुबह पंजाब की पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो के लिए रवाना हुई। यह जानकारी राज्य सरकार द्वारा गठित ऑक्सीजन कंट्रोल रूम के प्रभारी सीनियर आईएएस अफसर राहुल तिवारी ने दी।
उन्होंने बताया कि टैंकर की ऊंचाई और ऑक्सीजन सप्लाई ले जाने में एजेंसियों को पेश आ रही मुश्किलों को दूर कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि दो आईएसओ कंटेनर खरीदने और इनको प्रयोग में लाने के योग्य हैं, जो रेलवे की एचबीएल जरूरतों के अनुसार हैं।
उन्होंने बताया कि हम ऑक्सीजन खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने और सुचारू खरीद के लिए पंजाब की भरोसेमंद संस्था मार्कफेड की सेवाएं ले रहे हैं जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में कहीं भी ऑक्सीजन की कमी न रहे। राज्य की मुख्य सचिव विनी महाजन ने भी शनिवार को ट्वीट कर ऑक्सीजन कंट्रोल रूम के अधिकारियों और मार्कफेड के प्रयासों की सराहना की।
इससे पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पंजाब सरकार ने बताया था कि उन्हें अभी तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। हालांकि उन्होंने मेडिकल ऑक्सीजन बनाने के लिए सात कंपनियों को लाइसेंस जारी किए हैं। इनमें जल्द ही ऑक्सीजन का निर्माण शुरू हो जाएगा। पंजाब ने कोरोना से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि ऑक्सीजन की मांग प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अधिकतर ऑक्सीजन बोकारो से मंगवाई जा रही है। पंजाब के पास फिलहाल 17 क्रायोजेनिक टैंकर हैं, जो इतनी दूर से ऑक्सीजन लाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। उन्हें 10 और क्रायोजेनिक टैंकरों की जरूरत है जिसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया था।