जालंधर : जालंधर में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक ऐसी घटना सामने आई है, जो रूह को झंजौर कर रख देती है। यहां बेटी की कोरोना के लक्षणों से मौत हुई तो लोगों ने अर्थी को कंधा देने से इंकार कर दिया। मजबूर बाप बेटी की लाश को कंधे पर रखकर श्मशान ले गया। जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। जब इसकी वीडियो वायरल हुई तो प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रामनगर में रहने वाले दिलीप के 3 बच्चे हैं। मरने वाली यह बेटी सोनू 11 साल की थी। उसे क़ई दिनों से बुखार हो रहा था। वो इलाज करवाते रहे। कभी ठीक हो जाती तो कभी फिर बीमार हो जाती। बाप उसे नजदीक के सरकारी अस्पताल में ले गए तो उन्होंने सिविल अस्पताल भेज दिया। सिविल अस्पताल गए तो वहां थोड़े इलाज के बाद डॉक्टर ने कहा कि बेटी की हालत गंभीर है और उसे अमृतसर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहां पहुंचने पर 9 मई को बेटी की मौत हो गई।
दिलीप 9 मई रात करीब 1.30 बजे जालंधर पहुंचे। अगले दिन उन्हें बेटी का अंतिम संस्कार करना था। उन्होंने लोगों से बात की तो सब ने कहा कि हो सकता है उसकी बेटी की कोरोना से मौत हुई हो। वो अर्थी को कंधा नहीं देंगे। उसकी बेटी है तो वही ले जाए। बाप के पास इतने पैसे नहीं थे कि एंबुलेंस बुला सकता। इसलिए खुद कंधे पर उठाकर बेटी की लाश श्मशान तक ले गया।
हालाँकि दिलीप ने बताया कि उस दिन लोगों ने अर्थी को कंधा देने से इंकार जरूर किया, लेकिन अंतिम संस्कार के लिए लोग साथ में गए थे। आगे मैं और साथ में मेरा बेटा शंकर चल रहे थे। अभी तक क्लियर नहीं है कि बेटी को कोरोना था या नहीं।
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