अमृतसर : 12 अप्रैल को वैशाखी पर पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब व पंजा साहिब गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने गए 818 श्रद्धालुओं में से 200 कोरोना संक्रमित होकर लौटने की खबर मिली है। अंतरराष्ट्रीय अटारी सीमा पर वीरवार को पहुंचे इन श्रद्धालुओं का मोबाइल वैन में टेस्ट किया गया। एक साथ 200 श्रद्धालुओं के संक्रमित होने की जानकारी मिलने पर वहां हड़कंप मच गया । जानकारी के मुताबिक कुछ श्रद्धालुओं ने डॉक्टरों से दुर्व्यवहार किया। बताया जा रहा है इस दौरान कोरोना पॉजिटिव श्रद्धालु निजी वाहनों और सरकारी बसों में स्वस्थ व्यक्तियों के साथ बैठकर घरों को लौट गए हैं। श्रद्धालु पंजाब सहित जम्मू, हरियाणा व दिल्ली से संबंधित हैं।
दूसरी और श्रद्धालुओं का आरोप है कि मोबाइल वैन में कार्यरत एक स्वास्थ्य कर्मी ने शराब पी रखी थी। गुस्साए श्रद्धालुओं ने पंजाब सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए और टेस्ट रिपोर्ट्स फाड़ डाली। श्रद्धालुओं ने कहा कि वह भारत से निगेटिव गए थे तो दस दिन में पाजिटिव कैसे हो गए। घटना की जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय तक पहुंची तो सहायक सिविल सर्जन डॉ. अमरजीत सिंह ने पुलिस कमिश्नर को सूचित किया। पुलिस कमिश्नर ने बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के अधिकारियों से बात की। अधिकारियों ने फौरन स्थिति को संभाला।
इधर, पाजिटिव व नेगेटिव श्रद्धालु अपने वाहनों व सरकारी बसों में सवार होकर चले गए। पॉजिटिव व नेगेटिव श्रद्धालुओं को एक साथ भेजने से कोरोना बुरी तरह से फेल सकता है। एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने कहा कि यदि प्रशासन इन श्रद्धालुओं को भेजने की व्यवस्था नहीं कर सकता था तो उन्हें बताया होता। एसजीपीसी अपने स्तर पर वाहन भेजकर इन्हें सुरक्षित ढंग से होम आइसोलेट करवा देती।
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