जालंधर (सनी ): आयुष्मान भारत स्कीम का कार्ड होने के बावजूद शहर के एक किडनी अस्पताल ने दोनों किडनियां खराब होने से जूझ रही महिला का इलाज नहीं किया। अस्पताल ने इलाज के बदले पैसे मांगे तो परेशान महिला सुनीता अपने पति विजय कुमार के साथ DC ऑफिस में पहुंच गई। यहां वह करीब एक घंटे तक व्हीलचेयर पर बैठे तड़फती रही और पति इंसाफ की मांग करता रहा। बाद में SDM ने बाहर आकर महिला की फरियाद सुनी और उन्हें दूसरे किडनी अस्पताल भेजकर इलाज से मना करने वाले अस्पताल के मामले की जांच करने का भरोसा दिया।
विजय कुमार ने कहा कि उसकी पत्नी सुनीता की दोनों किडनियां खराब हैं। वह सिविल अस्पताल गए तो उन्हें कहा गया कि सिविल में कोरोना की वजह से यह सुविधा नहीं है, इसलिए वो आयुष्मान भारत स्कीम के कार्ड से प्राइवेट अस्पताल से इलाज करा लें। जब वो उस अस्पताल में गए तो वहां के डॉक्टर ने अच्छे ढंग से गाइड किया और एक किडनी अस्पताल जाने को कहा। विजय ने कहा कि जब वो उस अस्पताल में पहुंचे तो उन्होंने कार्ड मानने से इन्कार कर दिया और कहा कि डायलसिस कराने के पैसे लगेंगे। मजबूरी में वो डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस आए हैं।
SDM डॉ. जयइंदर सिंह ने कहा कि महिला से बातचीत की है और उन्हें दूसरे अस्पताल में भेज दिया है, जहां आयुष्मान भारत स्कीम के तहत इलाज होता है। उन्होंने कहा कि बाकी आरोपों के संबंध में जांच की जाएगी।
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