फिरोजपुर: इसे परिवहन विभाग में चल रही गड़बड़ी कहें या लापरवाही पिछले नौ साल से कार बाइक के नंबर पर सड़कों पर दौड़ती रही। वर्ष 2020 में हुए एक्सीडेंट के बाद इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजा मांगा तो राज खुला। मुआवजे के लिए इंश्योरेंस कंपनी ने जांच कराई तो आरसी की वेरीफिकेशन करने के बाद आरटीए आफिस ने कहा कि नंबर बाइक पर लगा है।
अबोहर के डीएवी कालेज के कामर्स के प्रोफेसर गौरव विज ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2011 में कार खरीदी थी, तब अबोहर फिरोजपुर जिले का हिस्सा था। कार फिरोजपुर के डीटीओ आफिस से रजिस्टर्ड करवाई गई थी। 23 नवंबर 2020 को बाइक की टक्कर से उनकी कार का शीशा टूट गया था। इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम किया तो कंपनी ने कार रजिस्ट्रेशन की जांच कराई तो पता चला कार पर बाइक का नंबर लगा है। इतनी बड़ी गलती कैसे हुई यह जांच जरूरी है।
रिजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी अधिकारी प्रदीप ढिल्लो का कहना है कि दस साल पहले मैनुअल आरसी बनती थी। अब डाटा आनलाइन करते वक्त किसी आपरेटर से गलती हो सकती है। शिकायतकर्ता उनसे आकर मिले तो वह पूरी पड़ताल कर आरसी ठीक करवा देंगे। इसमें कोई घपले की बात नहीं है। उनके आफिस का काम आनलाइन और पारदर्शिता से चल रहा है।
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