जालंधर: केंद्र सरकार की गरीबों के लिए शुरू की गई महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना के तहत वितरित किए गए गैस सिलेंडरों के कनेक्शन अब गरीबों की जेब पर भारी पड़ने लगे हैं। बीते कुछ दिनों में गैस सिलेंडरों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के चलते मजबूरी में गरीब घरों की महिलाओं को अब गैस सिलेंडर छोड़कर खाना बनाने के लिए चूल्हे पर शिफ्ट होना पड़ रहा है। इन महिलाओं की जिंदगी से धुआं खत्म करने के बाद सिलेंडरों की बढ़ी कीमतों ने एक बार फिर उन्हें चूल्हे की राख व धुएं में ढकेलने का काम शुरू कर दिया है।
पिछले एक सप्ताह से गैस सिलेंडर की कीमत में तेजी से उछाल आया है, जिससे घरेलू बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया। पिछले कुछ दिनों में ही गैस सिलेंडर की कीमत 849 रुपये तक पहुंच गई है। घरेलू बजट गड़बड़ाने के बाद खास कर देहात की महिलाओं ने दोबारा चूल्हा जलाना शुरू कर दिया है। लोग महंगी गैस जलाने के बजाय चूल्हा जलाना बेहतर समझ रहे हैं। पिछले साल मई में गैस सिलेंडर की कीमत 587 रुपये थी। दिसंबर 2020 में 727 तथा फरवरी 2021 में 802 रुपये थी।
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