नई दिल्ली (अजय ): केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे है। आज किसानों और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता खत्म हो गई है। आज की बैठक में किसान सिर्फ कानून वापसी की मांग पर ही अड़े रहे। सरकार के मंत्रियों ने कहा कि वे एक बार फिर से किसान संगठनों से बात करेंगे। दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को होगी।
सरकार का कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे। दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कारपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी।
वहीं, तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर सरकार ने कहा एक संयुक्त कमेटी बना देते हैं वो तय करे कि इन तीनों कानूनों में क्या क्या संशोधन किए जाने चाहिए। वहीं, इस पर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार के इस प्रस्ताव को किसान संगठनों ने असंतुष्टि जाहिर करते हुए सरकार के इस प्रस्ताव को नकार दिया था। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी मांगों पर चर्चा हुई है। तीन कानूनों और MSP की वापसी नहीं तो घर वापसी भी नहीं।